मुकेश की दर्द भरी आवाज...
भला इससे जादा दर्द किसी की आवाज में हैं...
आवाज मानो जैसे चुपचाप दर्द सहती जा रही हैं...
सताले ये जहाँ...
बिछा के सेझ अन्गारोंकी चुप सो जायेंगे....सताले ये जहाँ...
के किस को ये खबर वो क्या से क्या हो जायेंगे...सताले ये जहाँ...न खोलेंगे जुबा...
सितम तेरे कभी तो बेअसर हो जायेंगे...सताले ये जहाँ...